बिहार विधानमंडल ने बिहार उत्पाद विधेयक 2016 के तहत कुछ बड़े बदलाव किये हैं । जिसमें पहला यह हैं कि ग्रामीण इलाको में दोनों प्रकार की शराबों पर रोक लगा दिया गया । लेकिन शहरी इलाकों की 650 दुकानों पर केवल और केवल विदेशी शराब बेचने की अनुमति दी हैं । ऐसे में एक चौकाने वाली बात पटना नगर निगम क्षेत्र में शराब की 90 नई सरकारी दुकाने खोली जायेंगी ।
देशी शराबों की वजह से सरकार को वित्तीय वर्ष 2015-16 में 2159 करोड़ का फायदा (उत्पाद शुल्क के रूप में ) हुआ था । कुछ लोगों का मानना हैं कि अगर जिला प्रशासन ईमानदारी से काम करेंगी तो शायद बिहार में सरकार की मनसा को पूरा किया जा सकता हैं । और दूसरी तरफ कुछ लोग यह मान रहे हैं कि इस कदम से देशी शराब की तश्करी बढ़ेगी , और यह तश्करी उत्तर प्रदेश और झारखंड से होने की पूरी संभावना बन रही हैं ।
स्वास्थ्य विभाग सभी जिलों में 50 बेड वाली नशा मुक्ति केन्द्र खोलने की योजना की तैयारी में जुट चुकी हैं । देखिए , बिहार सरकार अपने मुहिम में कामयाब हो पाती हैं या नहीं ।