ऐतिहासिक शहर आजमगढ़ को आतंकगढ़ कहने वाले अमित शाह के बयान के खिलाफ मै और Amar Singh Paliwal व्यक्तिगत लड़ाई लड़ रहे हैं. आजमगढ़ में रहने वाले तमाम करीबी लोगों से अनुरोध है कि इस वैचारिक लड़ाई में हमारा साथ दें.
इस वैचारिक आंदोलन के केंद्र में निम्न बिंदु उल्लेखनीय है.
1. अमित शाह ने मेरे गृह जिले आजमगढ़ को किसी जनसभा में आतंकगढ़ कहा था. शाहजी आपको कोई हक नहीं है किसी की मातृभूमि का नामकरण इस कदर करने की. अगर कुछ असामाजिक तत्व किसी शहर में पैदा होकर सारी गतिविधियां मुंबई या दिल्ली में सीख रहे हो तो उस जगह को अनैतिक शब्द से संबोधित करना आजमगढ़ में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का अपमान करने जैसा है.
2. अमित शाह इतने बड़े अज्ञानी हैं कि इनको इतना भी नहीं पता कि जिस शहर को उन्होनें आतंकगढ़ कहा, उस शहर में पहली बार तमसा के तट पर आदिकवि वाल्मीकि ने काव्य रचना की शुरूआत चंद्रमा ऋषि के आश्रम से की थी.
3. जिस आजमगढ़ को अमित शाह ने आतंकगढ़ कहा था वहां पर भारत के लिए यात्रावृत्त का घुमक्कड़ी राहुल सांस्कृत्यायन पैदा हुए थें. आतंकगढ़ कहकर उस समय अमित शाह ने 22 भाषाओं के जानकार और 169 किताबों के रचनाकार राहुल जी की मातृभूमि का भी अपमान किया था. इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए.
4. जिस आजमगढ़ को अमित शाह ने इतनी आसानी से आतंकगढ़ कह दिया था, वो आजमगढ़ प्रियप्रवास और वैदेही वनवास के लेखक अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध की जन्मस्थली है.
5. जिस आजमगढ़ को अमित शाह ने आतंकगढ़ कहा था वो उर्दू के शिक्षाविद् अल्लामा शिब्ली नोमानी की कर्मस्थली है.
6. जिस धरा की विरासत को जाने बगैर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उसे आतंकगढ़ कहकर उसका अपमान किया. वो शहर चंद्रबली पांडेय की जन्मभूमि है. जिन्होंने इस देश को परामर्श दिया.
7. जिस आजमगढ़ का अपमान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने किया था. उस दैविक भूमि पर भारत के महान ऋषि और अनुसूइया के तीनों प्रतापी पुत्र चंद्रमा, दुर्वासा और दत्तात्रेय पैदा हुए थें.
8. बीजेपी शाह अमित शाह को ये नहीं पता कि आजमगढ़ में 22 लाख लोग रहते हैं. उनकी मातृभूमि को आतंकगढ़ कहना अनैतिक गतिविधि है. क्या वो साबित करेंगे कि वहां पैदा होने वाला हर शख्श इंसानियत का पैरोकार नहीं, आतंकवादी है.
9. बीजेपी अध्यक्ष के पुराने बयान ने मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाया है. क्या ये तकलीफ़ आजमगढ़ के तमाम लोगों को व्यथित नहीं करती.
10. मै जिस शहर के प्रांगण में बड़ा हुआ. उसका कोई अपमान कर चुका हो और आज ये बात मेरी जानकारी में आई हो तो क्यों मैं उन बातों को बर्दाश्त करूं.
11. मै आजमगढ़ का वो नाकारा बेटा नहीं हूं, जो उसकी आत्मसम्मान की लड़ाई ना लड़ सके. अमितशाह ने मेरी मातृभूमि का अपमान कर मुझे व्यक्तिगत दुख पहुंचाया है.
12. आजमगढ़ को आतंकगढ़ कहने वाला अमित शाह का बयान भले पुराना हो गया हो, मगर उसकी वस्तुस्थिति नहीं बदली है और ना ही उन्होनें आजमगढ़ में रहने वाले लोगों से आज तक माफी मांगी है.
13. अमित शाह शायद आपको नहीं पता कि जिस आजमगढ़ को आपने आतंकगढ़ कहा था, उसने 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए सबसे पहले घोषणापत्र जारी किया था. आपकी जुबान इसे आतंकगढ़ कहते हुए क्यों नहीं कांपी!
14. इतने सालों से मै आजमगढ़ में रह रहा हूं. मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगा कि यहां पर कोई असुरक्षा का माहौल है. आतंक शब्द का प्रयोग शहर के सौहार्द के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.
15. गजलकार कैफी आजमी, कला फिल्म में श्रेष्ठ अदा निभाने वाली शबाना आजमी की मातृभूमि को आतंकगढ़ करना उनका भी अपमान करने जैसा है. अमित शाह को इस बात की अफसोस आज तक क्यों नहीं हुई.
16. अमित शाह आपको तो लगता होगा कि मै तो इस देश में इतनी बड़ी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं, और मै अभिजीत आपका पुरजोर विरोध नहीं कर पाऊंगा, तो ये आपकी भूल है. आपके पास ध्रुवीकरण की राजनीति करने के बाद बहुसंख्यक आबादी है, मेरे साथ समूचा आजमगढ़ आएगा. मेरा दावा है कि ईमानदारी और मेरी सच्चाई से आप आंखें नहीं मिला पाएंगे.
17. मेरे गृह जिले के मान अपमान से मेरा भी मान अपमान जुड़ा हुआ है. इसलिए अमितशाह के उस बयान का विरोध कर रहा हूं, जिसमें उन्होनें आजमगढ़ को आतंकगढ़ कहा था.
18. बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष क्के मुताबिक अगर अबु सलेम और कुछ और ऐसे लोग समूचे आजमगढ़ के नाम को आतंकगढ़ बना देते हैं तब तो एक अपराध के वारदात के बाद उस शहर को अपराधिस्तान कह देना चाहिए. क्या भारत में जिन जगहों पर आतंकी पैदा हुए हैं उन्हें आतंकगढ़ कहा जाता है, अगर नहीं तो फिर अमित शाह ने आजमगढ़ के लिए ऐसे आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल क्यों किया? अपराध और आतंक किसी क्षेत्र की विरासत के साथ खिलवाड़ करने का मैटेरियल नहीं होता है जनाब!
19. अगर अबु सलेम को आधार बनाकर अमित शाह पूरे आजमगढ़ को आतंकगढ़ कह दिए थें तब तो पूरा हिंदुस्तान भ्रष्टाचार के मामले में आगे है ही. कौन सा नाम सुझाएंगे अमित शाह जी!
20. अमित शाह आपको पता है कि आपके एक बयान की वजह से आजमगढ़ के पर्यटन पर कितना प्रभाव पड़ा. जबसे आपने आजमगढ़ को आतंकगढ़ कहा है, दुनियाभर में जैव-विविधता के लिए मशहूर मुबारकपुर झील पर घूमने वाले सैलानियों में कमी आई है. जिससे यहां के स्थानीय लोगों का बहुत नुक़सान हुआ. इसका हर्जाना कौन भरेगा!
21. बनारसी साड़ियां दुनियाभर में मशहूर है लेकिन बनारसी साड़ियों के उद्योग में आजमगढ़ के बुनकरों का महत्वपूर्ण योगदान है. अमितशाह जी! बनारसी साड़ी खरीदने वाले लोगों से भी कह दीजिए कि उसे तो आतंकगढ़ के लोगों ने बनाया है उसे ना पहने!
22. क्या बात है! लखनऊ की विरासत को बरकरार रखने के लिए उसे आज भी नवाबों का शहर, कानपुर को औद्योगिक शहर, वाराणसी को सांस्कृतिक नगरी, बरेली को नाथ नगरी और इलाहाबाद को पूरब का आक्सफोर्ड कहा जाता है. वहीं आजमगढ़ की विरासत का मापदण्ड सिर्फ दो दशक पुराना आंक लिया गया और उसे अमितशाह ने आतंकगढ़ कह दिया. शुक्रिया साहेब!
23. अमित शाह आजमगढ़ 22 लाख लोगों की जन्मभूमि है, यहां सिर्फ अबु सलेम ही नहीं पैदा हुआ है. किस आधार पर आपने इसे आतंकगढ़ कहा था?
24. बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह जी आजमगढ़ में जब तक स्वावलंबन का गुण है. उसकी प्रतिभाओं और युवाओं को छोटी-मोटी राजनैतिक चाल या उसके गृह जिले को आतंकगढ़ संबोधित कर डिगा पाने की कोशिश नाकाम साबित होगी.
25. अमित शाह जी किसी शहर की विरासत को जाने बगैर उसकी विरासत, उसकी संस्कृति की तौहीन करना उसे अनैतिक शब्दों से संबोधित करना अनुचित है. आपको आजमगढ़ को आतंकगढ़ कहकर नहीं संबोधित करना चाहिए था.
26. शिब्ली मंजिल एशिया की सबसे बड़ी उर्दू लाइब्रेरी, आजमगढ़ में है. वहां से एक पत्रिका मारीफ नाम से निकलती है. जोकि दुनियाभर के देशों में पढ़ी जाती है. उर्दू की आज भी छपने वाली पुरानी पत्रिकाओं में से एक है. अमित शाह, इसको पढ़ने वाले दुनियाभर के लोगों ने आपके आजमगढ़ को आतंकगढ़ वाले बयान की उस समय जरुर आलोचना की होगी.
27. कुछ साल पहले फ्रैंक इस्लाम को मार्टिन लूथर अवार्ड दिया गया. इससे साबित होता है कि आजमगढ़ को आतंकगढ़ कहने वाले आपके बयान का कोई फर्क वैश्विक पटल पर नहीं पड़ा है.