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(बदलाव की उम्मीद के साथ)
इस बात को बार-बार सोचकर परेशान मत होइए कि देशहित का अब बाजारीकरण किया जाने लगा है और अपनी सरजमीं के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना कम हो गई है.
भारत में तो मानहानि सिर्फ राजनेताओं, अभिनेताओं और पत्रकारों का ही होता है, जवानों का अपमान तो आम बात सी हो गई है. उनकी मानहानि तो ऐसे होती है, जैसे इस मुल्क के हित में उन जांबाजों से भी ज्यादा जी जान देने वाला कोई और पैदा हो गया हो.
मेरा इस बिषय पर व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि जो कोई भी भारतीय वायुसेना के एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाने का साहस कर पा रहा है, वो भारतीय दंड संहिता में ऐसा करने के लिए उचित दंड ना होने का भी फायदा उठा रहा है.
देश का मतलब होता क्या है! राष्ट्रवाद बरपाने की कोशिशें हाल फिलहाल में इतना ज्यादा क्यों होने लगा है. अभिनंदन की तस्वीरें बीजेपी नेताओं के पोस्टरों पर लगाने का मतलब क्या है? और भारतीय सेना कबसे राजनीतिक हो गई? भारतीय सेना पर शक करना आपराधिक तो है ही, लेकिन ये भी अनैतिक है कि पीएम मोदी पूरी तरह से इस बिषयवस्तु को कब्जा कर लेने की नीयत रखने लग जाये.
#ओजस