कश्मीर जीतने पर बधाई मोदीजी!

भारतीय संविधान से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद देश में आपकी वाहवाही बढ़ी है. इससे कोई गुरेज नहीं कर सकता. लेकिन जहां तक बात नेहरू की गलतियों की हो रही है, तो ये पूरी तरह से अनैतिक है. नेहरू के अथक प्रयास का ही नतीजा था कि कश्मीर भारत से जुड़ा रहा. जो लोग कश्मीर के इतिहास को जानकर भी अनुच्छेद 370 को नेहरू के दोषों का परिणाम मान बैठे हैं, उनको इस गलतफहमी से बाहर निकलने की जरूरत है. जहां तक बात कश्मीरी पंडितों के विस्थापन और घाटी में आतंक और बॉर्डर एक्शन टीम के पनपने की है तो इस पर कार्रवाई करने की जरूरत इस कदम के बाद भी बनी रहेगी. इन पर एक्शन लेने के लिए धारा 370 हटाने की इतनी भी जरूरत नहीं थी. जम्मू और कश्मीर की आबादी तकरीबन 1.5 करोड़ है. 10 हजार लोग आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हैं. कश्मीरी पंडितों को पलायन के लिए मजबूर करने में पूरे कश्मीरी शामिल नहीं थे. 0.001 फीसदी हिस्सा भी नहीं था. हम राम की बात करते थे. राम के लिए वचन का मोल किसी ने नहीं छिपा है. कश्मीर को भारत से जोड़ने के लिए जिन शर्तों का वचन पटेल ने राजा हरि सिंह को दिया, उस वचन का जो हश्र हुआ है, उस पर राम और पटेल दोनों अचंभित जरूर होंगे. आपने बलपूर्वक और राजनीतिक संख्याबल से कश्मीर को राज्य से केंद्रशासित प्रदेश में तब्दील कर दिया लेकिन नेहरू की तरह कश्मीरियों का मन जीतने पर नाकामयाब साबित हुए हैं. कुछ लोगों का मानना है कि 370 हटते ही कश्मीर विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो सकेगा तो उनसे यही कहना है कि यूपी के शहर के लिए अलग संविधान नहीं था ना जहां पर गंगा तो बह रही है लेकिन विकास की गंगा कहीं ना कहीं, नहीं… मान लीजिए कि अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला भी आपके पुराने असफल फैसलों की तरह ही है.

Published by Abhijit Pathak

I am Abhijit Pathak, My hometown is Azamgarh(U.P.). In 2010 ,I join a N.G.O (ASTITVA).

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: