अरूणाचल प्रदेश भारत का एक राज्य है। अभी हाल ही में जहां के 6 स्थानों का नाम चीनी भाषा में रख दिया गया। 14 अप्रैल को चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर अरूणांचल के 6 जगहों के नाम तिब्बती और रोमन लिपि में रखने की घोषणा की थी। चीन भारत के राज्य को दक्षिणी तिब्बत कहता है। मै देश की अखंडता के लिए चीन के इस दुस्साहस का विरोध करता हूं। अरूणांचल मेरे देश का एक अहम हिस्सा है और रहेगा।
खैर, इस अनैतिक गतिविधि पर देश के हर राज्य के लोगों को आगे आना चाहिए और कोई भी भारतीय इस बात को बिना डरे कह सकता है।
मगर एक सूरत दिखाना चाहता हूं इस देश का जब इस मुद्दे पर कुछ लोग अपनी बात रख रहे थे, तो उनके साथ क्या हुआ-
चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों के एक समूह को हिरासत में ले लिया गया। प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने पहले अरुणाचल भवन के बाहर प्रदर्शन किया और उसके बाद वे चीनी दूतावास की ओर बढऩे लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया।
विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे रोमजिर रक्षपा दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृति सचिव हैं। रक्षपा ने कहा कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के जिन जगहों के नाम बदले हैं, वह उनमें से एक कस्बे के निवासी हैं और वह इसकी इजाजत नहीं दे सकते। रक्षपा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। मेरे जिले का नाम बदलकर चीन ने ऐसा नाम रखा है, जिसका मैं उच्चारण भी नहीं कर सकता। मैं भारत पर गर्व करने वाला व्यक्ति हूं।