प्रलय और संहार की वैदिकी पर कभी यकीन नहीं होता था. जब कोई कहता कि हर मन्वंतर में नये मनु सृष्टि का निर्माण करते हैं तो सनातन में घोर आस्था होने के बाद भी इन बातों पर यकीन नहीं कर पाता था. कोरोना महामारी के दुस्साहस ने इंसान को बता दिया कि सभी प्रकृति और विधाता के हाथों की कठपुतलियां भर हैं. वो जब चाहे अपने पाश में जीवन को जकड़ ले और जब चाहे आनंद से सराबोर कर दे.

आज दुनिया कितनी बेबस और मजबूर लग रही है. किसी के हाथ में कुछ नहीं है. इस घटनाक्रम के बाद तय है कि हम परमाणु और हाइड्रोजन बम बनाकर सर्वशक्तिशाली कहलाने की संज्ञा लेने के अधिकार से बाहर हो जाएंगे. अब सर्वशक्तिशाली वो कहलाएगा जो दुनिया को इस महाप्रलय से बाहर निकालने में सक्षम होगा. कोरोना वायरस का अचूक उपाय लाने वाला जिस किसी भी देश का होगा. सबके लिए वही सर्वशक्तिमान होगा.

यूरोप ने सदियों तक एशिया और अफ्रीका के देशों को उपनिवेश बनाकर रखा, लेकिन आज उससे एक भी नहीं सूझ रही. अमेरिका ने तो जापान के दो मुख्य शहरों हिरोशिमा और नागासाकी को तबाह करने के लिए परमाणु बम गिरा दिए लेकिन आज उसकी भुजाओं में इतना सामर्थ्य नहीं है कि इस महामारी से लोगों को बाहर निकाल सके. बुद्ध के किशोरावस्था की वो कहानी यहां सटीक बैठती है कि उनके चचेरे भाई ने जिस हंस को बाण से बेध दिया, उसी को सिद्धार्थ बचाकर हंस को अपना बना लिये. विनाशलीलाओं का सृजन बड़े ही आराम से होता है लेकिन सजीवता में बड़ा श्रम और यतन करना पड़ता है.

यूरोप और अमेरिका के अमीरों के लिए चीन की दिग्गज ई काॅमर्स कंपनी अलीबाबा के मालिक जैक मा ने एक बड़ा सबक पेश किया है. जैक मा ने बिना चीन सरकार से पूछे ही दुनिया के सभी देशों को मदद पहुंचाई है. जैक मा का मानना है कि ये दुनिया की एकजुटता की लड़ाई है और कोई भी वायरस लैब में बन ही नहीं सकता. अमेरिका और यूरोप के अमीर जैक मा से चिढ़ रहे हैं. यहां तक कि खुद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी जैक मा की गतिविधियों पर आजकल ध्यान देना शुरू कर दिए हैं. और भारत में फोटो सेशन विद राशन का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा.

वैश्विक अर्थव्यवस्था गिर जाएगी तो बाद में संभल जाएगी लेकिन कोरोना अगर इसी तरह फैलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब शहर के शहर श्मशान बन के रह जाएंगे. ऐसी स्थितियां भी दुनिया से आई तस्वीरों में देखी गई. इस बीच एक अच्छी खबर ये भी आ रही है कि सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाने वाली ओजोन लेयर के होल भर गये हैं.

आज मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर और गुरुद्वारों में ताला लग चुका है. मायने ये कि घोर आस्थाओं पर ताले लग चुके हैं. सभी धार्मिक ग्रंथों में इस बात को जोर देकर रखा गया है कि संकट के समय वो किसी रूप में आकर सबको बचाता है. सबने अपने ग्रंथों में अपने हिसाब का भगवान या सुपरहीरो गढ़ा है लेकिन आज के इस दौर में सुपरहीरो वही कहलाएगा जो कोरोना की काट ला देगा.